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क्या स्त्री इस समाज में second class citizen है?
स्त्री हमारे समाज में बस एक second class citizen है यह प्रश्न अक्सर मेरे मन में उठता है अपने आस-पास के सामाजिक रहन-सहन को देखकर अपने आस -पास के रिश्तों के समीकरण को देखकर जब भी मैं स्त्री और पुरूष के बराबरी पर बात करती हूँ तो हर जगह एक जैसा ही हाल देखती हूँ। […]
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तू बांवरे
हाल बुरा हो गया है इस दुनिया का रूपया गिर कर पहुंचा डॉलर के पैरों में बांवरे ‘मंहगाई में आटा गीला’ ,’जनता का कच्चूमर’ क्या होता है यह जुमला समझाने पर तुल गई है सरकार ये बांवरे वो तुमको हिन्दू-मुस्लिम की तू-तू,मैं-मैं में उलझा खुद गठजोड़ कर सत्ता का पत्ता खेलते हैं बांवरे पब्लिक को […]
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यहाँ सब अपने हैं
कोई गैर नहीं यहाँ यहाँ सब अपने हैं शिकायत किसकी किससे करें छोड़ो रहने देते हैं खुद को खुद से ही अज़नबी कर देते हैं अपनों के अपने न होने का गम शायद कुछ कम हो जाए उलझनें कुछ हल हो जाएं #Akanksha . . …………………
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आदतें / Habits
आदतें आप की हमारी, हम सब की कभी अच्छी तो कभी बुरी जहाँ अच्छी आदत इंसान को बेहतर बनाती है वहीं बुरी या ख़राब आदत इंसान की छवि ख़राब करती है उसके जीवन में मुश्किलें लाती है । हम सब में कुछ बुरी या खराब आदतें जरुर होंगी और हम उस बुरी आदत से परेशान […]
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खुद के लिए
“दोस्त उनकी दोस्ती “किसी खजाने से कम नहीं होती ।बचपन से लेकर बुढ़ापे तक ज़िंदगी के हर पड़ाव पर दोस्त और उनकी दोस्ती जरूरी होती है जीवन में बहुत कुछ ऐसा होता जो सिर्फ एक दोस्त ही समझ सकता है एक दोस्त ही है जिससे कुछ कहने से पहले हम सोचते नहीं हैं चाहे बात […]
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तुम कौन
तुम कौन पिया तुम कृष्ण या हो एक छलिया या तुम प्रेम पिया राधा के तो श्याम मीरा के थे मोहन मेरे तुम कौन पिया Akanksha . . .
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प्रिय समय
चाहे जिताना भी प्रेम जता दो चाहे जितना भी चाल से चाल मिला लो मगर तुम सौतेलापन निभा जाते हो सगे रिश्तों में भी दूरियों का बीज बो जाते हो Akanksha . . .
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यात्रा जीवन की
यात्रा जीवन की कभी र्दुगम तो कभी मर्म भरी कभी तंग गलियों सी घुटन तो कभी बहती हवा सी कोमल लगती है ~Akanksha . .
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इंसान की फितरत
इंसान भी अजीब चीज है हकीकत से कम झलावे से ज़्यादा खुश रहता है जो सामने नज़र आता है उसे छोड़ ख़यालों मे भटकता रहता है Akanksha. . .
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सूखे पत्ते
चलो सूखे पत्ते से बन जाते हैं हवा संग गिरते-परते उड़ चलते हैं बहुत जी लिए शाखों के सहारे ज़रा ज़र्फ़ अपना भी आजमाते . ~Akanksha . . .