
इंसान भी अजीब चीज है
हकीकत से कम झलावे से ज़्यादा खुश रहता है
जो सामने नज़र आता है उसे छोड़
ख़यालों मे भटकता रहता है
Akanksha.
.
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इंसान भी अजीब चीज है
हकीकत से कम झलावे से ज़्यादा खुश रहता है
जो सामने नज़र आता है उसे छोड़
ख़यालों मे भटकता रहता है
Akanksha.
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2 responses to “इंसान की फितरत”
Very nice
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Thanx
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