
गम खुद का खुद ही सहिए
औरों से ना कहिए
कह देंगे तो गम कम ना होगा
आप कुछ और बेबस हो जाएंगे
औरों की नज़रों में बेचारे हो जाएंगे
हल खुद ही तलाशिए मुश्किलों का
राह अपनों या गैरों की न तकीए
खुद का बोझ खुद ही उठाईये
तूफानों में अपनी कश्ती खुद बचाईये
जीत होगी या नहीं किसे ख़बर
पर सफ़र शानदार बनाने की
हर कोशिश जारी रखिए
खुद के लिए ……
4 responses to “खुद के लिए”
बहुत सुंदर।
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धन्यवाद
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👏👏
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Thank you…
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