
बनारस में बाबा की भाँग का प्रसाद मिलता है
बनारस में बम्म बोले का जयकारा गुँजता है
बनारस में सांड का तिलक कर नन्दी बैल कहते हैं
बनारस में राण, विधवा का रूदन विलाप करता है
बनारस में साधु-सन्यासी भव-सागर पार करते हैं
बनारस में सिढ़ियों पर भगवा जीवन बसता है
बनारस में हर किसी को मोक्ष-मार्ग मिलता है
बनारस में पोथी-पन्ड़ों का इतिहास बसता है
बनारस में घाटों पर नशवर शवों का दाह होता है
बनारस में हर दर भगवान बसता है
बनारस इनमें ही बसता है बनारस इनसे ही बनता है
बनारस की यही विरासत है यही है बनारस ,बनारस
