
Kashmir fails हममें से कुछ ने देख ली है तो कुछ ने नही , कुछ देखकर अपनी राय दे रहे हैं तो कुछ बिना देखे खारिज कर तर्क-वितर्क कर रहे हैं। फिल्म लाजवाब है या नहीं मैं इस पर बात नहीं करूंगी मैं बात करूँगी काश्मीरी पंड़ितों के नर- संघार पर क्योंकि की कुछ लोग फिल्म का विरोध करने के लिए कई नर-संघार की बात कर रहें हैं उनका उस सब बिषयों पर बात करना गलत नहीं है परन्तु काश्मीरी पंडितों के दर्द को नज़रअंदाज कर अपने मन के बेतुके तर्क दे रहें हैं । लोग बीते दो दशक के गम्भीर दंगों की बात कर माहौल में गर्मी ला देते हैं लोग लगातार इसके बारे में बात भी करते हैं परन्तु उस मुद्दे का क्या जिसका जिक्र तक नहीं हुआ बीते बीस तीस सालों में अब अगर उन काश्मीरी पंडितों के बारे में लोग बात कर रहे हैं जिन्हें मारा गया अपने घर से अपनी जन्म भूमी से पलायन के लिए मजबूर किया गया तो देश का एक धड़ा उसे नकार रहा है वो लिब्रल उन काश्मीरी पंडितों के अपने देश में रिफ्यूजी होने पर क्यों कुछ नहीं बोलता उनके मानव अधिकार उनकी नागरिकता जो धारा 370 हटाने से पहले कहीं की भी नहीं थी ।काश्मीर में उ़न्हें रहने नहीं दिया 370 की वजह से अपने ही देश में रिफ्यूजी बन तीस साल से रह रहे थे लोग फिल्म kashmir fails देख बेतुके तर्क दे रहे हैं कोई किसी दंगे तो कोई किसी माहौल की बात कर कश्मीरी पंडितों के दर्द की अवहेलना कर रहा है उस पर हद तो तब हो जाती है जब वो खुद को Liberal कहते हैं तब सवाल यह उठता है की पक्षधर होकर आप खुद को Liberal का टैग कसे लगा सकते हैं अगर आप Liberal हैं तो मानवता के खिलाफ हुए जघन्य अपराधों के बारे में बात किजिए उन अपराधों के खिलाफ आवाज उठाईये न की किसी राजनीति पार्टी से कुंठित हो एक ही धर्म के पक्षधर बन खुद को liberal कह बेतुके तर्क-वितर्क करिये।