
रूस-यूक्रेन युद्ध के खराब होते हालात भारत के लिए भी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं अंर्तराष्ट्रीय मंच पर भारत रूस को लेकर स्पष्ट तरीके से बात नहीं कर रहा है हालांकि की भारत का झुकाव रूस की तरफ है यह दुनिया समझ रही है । परन्तु अमेरिका चाहता है की रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत अपनी स्थिति और सपष्ट करे व खुलकर रूस की आलोचना भी अंर्तराष्ट्रीय मंच पर करे । भारत के सम्बंध रूस -अमेरिका दोनों के साथ हैं जहाँ रूस से भारत का सम्बंध 1970 से लगातार बना हुआ है दोनों देश अच्छे दोस्त की तर देखे जाते हैं वहीं अमेरिका के साथ भारत के सम्बंध दो दशक पहले से परवान चढ़ रहा है ।
अमेरिका – भारत में व्यापार तो करना चाहता है पर साथ ही अमेरिका- चीन के साथ अपनी लड़ाई में भारत का इस्तेमाल भी करना चाहता है और चीन के खिलाफ भारत भी अमेरिका से मदद की उम्मीद भी रखता है । इस वजह से भारत अमेरिका के लिए जरूरी भी है दोनों देश एक-दूसरे की जरूरत और मजबूरी दोनों हैं।यअमेरिका -रूस के खिलाफ है तो उसमें भी वह भारत का साथ चाहता है इस सब परिस्थितियों में भारत की स्थिति दोधारी हाथियार पर चलने जैसी हो गई है।