
लता मंगेशकर जी का जन्म 28 सितंबर 1929 को इन्दौर , इन्दौर स्टेट (ब्रिटिश शासन मे)वर्तमान समय मध्य प्रदेश में दिनानाथ मंगेशकर के घर हुआ था। उनकी मृत्यु 6फरवरी 2022मुम्बई में हुई। इनके जन्म के बाद इनका नाम हेमा मांगेशकर रखा गया था । लता जी के पिता एक शास्त्रीय संगीत के गायक थे जिनसे बचपन से लता जी ने संगीत व गायकी की शिक्षा -दीक्षा ली थी। जब उनकी उम्र 13 साल थी तब उनके पिता का देहांत हो गया जिसकी वजह से परिवार की जिम्मेदारी उनके कन्धों पर आ गई।
परिवार की जिम्मेदारी निभाने हेतु उन्होंने 13साल की उम्र में प्लेबैक सिंगर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की उनके कई मसहूर गाये गाने जैसे लग जा गले , तेरे बिना जिन्दगी से कोई सिकवा नहीं ,तेरे लिए होठों को सिऐ आदि उनके गाये मसहूर गीत लोगों के जेहन में हमेशा रहेंगे जो उन्हें लोगों के बीच हमेशा जीवित रखेंगे। लता जी की आवाज़ हर उम्र के लोगों के लिए सुकून भरी है उनकी आवज में उनके गीत अमर हैं वो अमर हैं। उन्होंने ने कई भाषाओं में गीत गये हैं हिन्दी ,बंगाली, भोजपुरी , शास्त्रीय गायन व बंगाली गीत के लिए संगीत र्निदेशन भी किया है।
लता जी को उनकी गायकी की वजह से उन्हें स्वर कोकिला, मेलोडी क्वीन, वॉइस ऑफ द मिलेनियम कहा जाता है। उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा गया है भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से ,फिल्म फेयर पुरस्कार, सर्वोच्च गायक, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से, आदि अनेक पुरस्कार व उपाधियों से उन्हें सम्मानित किया गया है। हमारे भारत देश के साथ -साथ पाकिस्तान बंगालादेश व पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं भले ही लता जी पंचतत्व में विलील हो गई हों पर वह अपने गीतों से अपनी मधुर आवाज से हम सब में हमारे देश के हर व्यक्ति के दिल में हमेशा अमर रहेंगी ।
